15 अगस्त पर निबंध हिंदी में। स्वतंत्र दिवस पर निबंध। भारत में हर साल 15 अगस्त को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि 15 अगस्त भारत के लिए सबसे बड़ा पावन पर्व माना जाता है। Swatantrata Divas Par Nibandh hindi me.
15 अगस्त को बिना भेदभाव के बहुत ही धूमधाम से हर एक भारत मनाता है। स्कूल और कॉलेज पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर एक छात्र निबंध लिखता है। 15 अगस्त पर 100 शब्दों का निबंध, 15 अगस्त पर 200 शब्दों का निबंध, 15 अगस्त पर 500 शब्दों का निबंध हर स्टूडेंट जरूर लिखता है।
15 अगस्त पर निबंध हिंदी में
15 अगस्त को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है और 15 अगस्त 2022 को भारत अपना 75 व स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री लाल किले में झंडा रोहण करते हैं और सभी स्कूल और कॉलेज तथा सरकारी और प्राइवेट दफ्तर में झंडारोहण के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी को याद करने के लिए और स्वतंत्रता दिवस पर कई सारे निबंध और प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं।
15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था और इसी अवसर पर हम स्वतंत्रता दिवस यानी कि 15 अगस्त मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस को 15 अगस्त के दिन मनाने का कारण यही है कि 15 अगस्त 1947 को ही हमारा देश आजाद हुआ था और हर साल हम 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करते हैं।
15 अगस्त पर निबंध 500 शब्दों का
आज के इस आर्टिकल पर हम आपको बताएंगे कि 15 अगस्त पर निबंध कैसे लिखा जाता है आप बहुत ही कम शब्दों में 15 अगस्त के बारे में लोगों को जानकारी दे सकते हैं।
15 अगस्त का निबंध लिखना सभी स्टूडेंट को आना चाहिए जो कि वह हमारे लिए सबसे गर्व की बात है हमारे देश के कई वीर पुरुष और महिलाओं ने 15 अगस्त के दिन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया था।
15 अगस्त 1947 से पूर्व भारत में हुई थी जैसे 1919 का रोलेट एक्ट, असहयोग आंदोलन, चोरा चोरी कांड नमक तोड़ो आंदोलन।
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नीचे आपको स्टेप बाय स्टेप बताया जाएगा कि 15 अगस्त पर निबंध 2022 कैसे लिखा जा सकता है।
सन 1498 को वास्कोडिगामा भारत आया और भारत से कई सारे मसाले तथा आभूषण को अपने साथ अपने देश में ले गया। भारत में सबसे पहले पुर्तगाली आई और पुर्तगालियों ने भारत को गुलाम बनाने की कोशिश करी लेकिन सन 1600 इंडिया कंपनी की स्थापना हुई और अंग्रेज भारत में आए। मुगल दरबार में जहांगीर और शाहजहां के समय में हॉकिंस और मुनरो नामक अंग्रेजी आती भारत आए और उन्होंने मुगल बादशाह से भारत में कंपनी व्यापार करने की अनुमति मांगी और शाहजहां ने उन्हें व्यापार करने की अनुमति दे दी थी।
इसके बाद धीरे-धीरे अंग्रेजों ने भारत में अपनी व्यापारिक कंपनियां स्थापित करती और 1767 के बक्सर के युद्ध में अंग्रेज फ्रांसीसी को हरा देते हैं और भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन लागू हो जाता है।
1767 के बाद से भारत में अंग्रेजों का गुलाम बन जाता है और भारत में प्रशासन और शासन की पूरी बागडोर अंग्रेजों के हाथ में चली जाती है। अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार के कारण और अंग्रेजों की मनचाही नीति से 1857 में मेरठ छावनी से सैनिक अंग्रेजों का विद्रोह करना शुरू कर देते हैं क्योंकि अंग्रेजों ने सैनिकों को कारतूस में गाय का मांस मिला कर दिया था जिसके कारण सैनिक क्रोधित हो जाते हैं और अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर देते हैं मंगल पांडे के द्वारा अंग्रेजी अफसर को गोली चला दी जाती है। मेरठ के बाद यह विद्रोह पूरे भारत में फैल जाता है लेकिन एकता के अभाव के कारण यह सफल नहीं हो पाता है।
1905 में बंगाल विभाजन के कारण भारत में स्वदेशी आंदोलन चलता है। जिसने बंगाल विभाजन का विद्रोह किया जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत को स्वतंत्र कराने में गांधीजी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। सन 1915 की बात है जो गांधी जी अफ्रीका से भारत लौटे और 1917 में भारत में गांधी जी ने अपना पहला आंदोलन शुरू किया। 1917 में गांधीजी को बिहार के चंपारण में अंग्रेजो के खिलाफ तीन कठिया प्रणाली के विरोध में गांधी जी को बुलाया गया और गांधीजी ने अंग्रेजो का विरोध किया इसमें गांधीजी को सफलता मिलेगी।
1919 में भारत मे रौलट एक्ट आता है जिसे बिना वकील बिना दलील वाला कानून माना जाता है इस एक्ट के विद्रोह में 1919 में जलियांवाला बाग में बहुत सारे लोग सभा कर रहे थे और अंग्रेजी अफसरजनरल डायर ने सभी लोगों पर गोली चला दी और जलियांवाला विद्रोह के कारण भारत में गांधी जी के द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाया, असहयोग आंदोलन के दौरान मुसलमानों ने खिलाफत आंदोलन भी चलाया था।
असहयोग आंदोलन के दौरान भारत में अंग्रेजों की चीजों को बहिष्कार किया गया और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाया गया।
असहयोग आंदोलन की शुरुआत गांधी जी ने अहिंसक रूप से की थी लेकिन 1922 में चोरी की घटना के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया क्योंकि चोरा चोरी घटना में बहुत पुलिस वालों की हत्या कर दी थी।
चोरा चोरी घटना के बाद भारत में 1925 में काकोरी कांड हुआ और काकोरी कांड के बाद 1928 में साइमन कमीशन भारत आया और इसका भारत में जोरदार विद्रोह हुआ इसका कारण यह था कि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नहीं था।
1930 में गांधी जी ने दांडी मार्च यात्रा की और नमक कानून तोड़ा और इसके बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया।
15 अगस्त 1947 से पहले की सबसे महत्वपूर्ण घटना यह है कि 8 अगस्त 1942 को भारत में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया और अंग्रेजों से कहा गया कि जल्द से जल्द भारत को आजाद कर दिया जाए लेकिन अंग्रेजों ने एक अगर भारतीय द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजो की मदद करेंगे तो अंग्रेज भारतीयों को आजाद कर देंगे और जगते का भारत का संविधान तैयार नहीं हो जाता तब तक का भारत को आजाद नहीं किया जाएगा।
सविधान को तैयार करने के बाद 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने भारत को पूर्ण तरीके से आजाद कर दिया था और स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने लाल किले से भाषण दिए और झंडारोहण किया।
भारत इसलिए हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है।15 अगस्त को पूरे भारत में सेनानियों को याद किया जाता है और प्रधानमंत्री के द्वारा भाषण दिए जाते हैं।
15 अगस्त पर निबंध 250 शब्दों का
भारतवर्ष में हर साल 15 अगस्त को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। सरकारी और गैर सरकारी संगठन द्वारा झंडारोहण के हाथ भाषण दिए जाते हैं और शहीद लोगों को याद किया जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत वर्ष 200 वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा था और आजादी के लिए भारत में कई लोगों को शहीद होना पड़ा।
15 अगस्त के दिन झंडारोहण के साथ-साथ भारत में कई सारी प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं और देश की आजादी पर नारे लगाए जाते हैं। 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री के द्वारा लाल किले से झंडा रोहण किया जाता है और भाषण दिया जाता है।
15 अगस्त के दिन ही हम स्वतंत्रता दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि पूर्ण रूप से हमें स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को ही प्राप्त हुई थी लेकिन इससे पहले 1930 में पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा जवाहरलाल नेहरू द्वारा कर दी गई थी।
1930 को लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। इसी कारण 26 January 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र करने के लिए एक शर्त रखी थी अगर इंडियन अपना संविधान बनाने में सफल रहते हैं तो आजाद कर दिया जाएगा और 1946 में भारत में अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। जिस के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बनाया गया।
15 अगस्त 2022 को भारत अपना 75 व स्वतंत्रता दिवस बनाने वाला है। भारत लगभग अंग्रेजों का 200 वर्षों तक गुलाम रहा। भारतवर्ष के जितने भी नागरिक विदेशों में रहते हैं सभी लोग 15 अगस्त को धूमधाम से बनाते हैं।
15 अगस्त पर निबंध 100 शब्दों का
देश की आजादी को मनाने के लिए हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
स्वतंत्र दिवस भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है और इस दिन सभी लोग स्वतंत्रता सेनानी को याद करते हैं।
15 अगस्त के दिन सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय गीत को गाया जाता है और नृत्य तथा देश के लिए नारे लगाए जाते हैं।
1947 से लगातार भारत 15 अगस्त बनाता है। 15 अगस्त भारत के हर एक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण रहता है और देश की सभी लोग बिना भेदभाव के इस दिन को मनाते हैं।
15 अगस्त के दिन देश के लिए गई सारी घोषणाएं की जाती है और कई सारे सम्मान भी दिए जाते हैं। 15 अगस्त के दिन हर एक स्कूल में कई सारी कार्यक्रम के साथ मिठाई वितरण की जाती है।
15 अगस्त पर निबंध 20 शब्दों का
भारत एक लोकतंत्र देश है और हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
2022 के समय में भारत का हर एक नागरिक स्वतंत्र है। भारत को ऐसी ही स्वतंत्रता नहीं मिली है भारत में स्वतंत्र होने के लिए 200 वर्ष तक संघर्ष किया है।
भारत में स्वतंत्रता के लिए कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों को हमेशा के लिए खो दिया था। अंग्रेजों ने भारत को आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक तरीके से अलग-अलग बांट दिया था लेकिन भारत की सभी लोगों ने एकता दिखा कर अंग्रेजों से अपने देश को आजाद कर लिया।
भारत में कभी भी अंग्रेजों का सहयोग नहीं किया प्रथम विश्व विद्युत से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध तक भारत के कई सारे सैनिकों ने अंग्रेजों की मदद की लेकिन कभी भी अंग्रेजों ने भारतीयों पर अत्याचार करना नहीं छोड़ा।
200 वर्ष की संघर्ष की लड़ाई में भारत को 15 अगस्त को आजादी मिली।
अंत में बस मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि हमारे देश को आजाद कराने के लिए एक नहीं बल्कि हजारों लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
देश को जनतंत्र कराने की लड़ाई लड़ने वाले और उन सभी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ते-लड़ते शहीद होने वाले वीरों को ? नमन: जीनोने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया ऐसे वीरों को ?? नमन।
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